
सुप्रीम कोर्ट ने हाल के दिनों में ही धारा 497 में बड़ा बदलाव करते हुए एडल्ट्री को अपराध बताने वाले प्रावधान को असंवैधानिक करार कर दिया है। जिसके बाद अब शादीशुदा महिलाएं अपनी मर्जी के मुताबिक किसी भी अन्य मर्द के साथ शारीरिक संबंध बना सकती है। धारा 497 को असंवैधानिक करार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को भी कहा कि एक स्त्री के शरीर पर उसका अपना हक हुआ करता है। जिससे कोई भी अन्य व्यक्ति समझौता नहीं कर सकता। वह जिसके साथ चाहे उसके साथ शारीरिक संबंध बना सकती है यह उसका अधिकार है। इस कानून को असंवैधानिक करार करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को भी कहा कि यह नियम पति के ऊपर भी लागू होती है। जिसकी वजह से एक व्यक्ति भी दूसरे की पत्नियों के साथ शारीरिक संबंध बना सकता है।
158 साल पुराने कानून में बदलाव
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि 158 साल पुराने कानून धारा 497 मुख्य रूप से महिलाओं के लिए बनाया गया था। इस कानून के मुताबिक जब कोई महिला अपने पति के अलावा किसी अन्य के साथ शारीरिक संबंध बनाती हुई पकड़ी जाती थी तो ऐसे में उसे सख्त से सख्त सजा दिए जाने का प्रावधान था। इसके साथ ही साथ महिला ने जिस व्यक्ति के साथ संबंध बनाया अगर वह संबंध अवैध साबित हो ज्यादा तो उस व्यक्ति को भी 5 साल की सजा सुनाई जा सकती थी। परंतु इस कानून में कुछ विसंगति भी मौजूद थी जिसके बारे में हम आपको बताते हैं।
अपनी मर्जी से शारीरिक संबंध बना सकती है महिला
इस कानून की सबसे बड़ी विसंगति तो यह थी कि अगर कभी कोई शादीशुदा पुरुष किसी अन्य महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाता है तो ऐसे में उसके खिलाफ कभी भी कोई मामला दर्ज नहीं कराया जा सकता था। बस यही नहीं बल्कि उस पुरुष की पत्नी भी महिला या अपने पति के खिलाफ चाह कर भी किसी भी तरह का शिकायत दर्ज नहीं करवा सकती थी। जिसकी वजह से इसका फायदा पुरुषों को मिल रहा था। पर अब इस कानून में संशोधन किए जाने के बाद कोई भी महिला या पुरुष अपनी मर्जी के मुताबिक दूसरों के साथ शारीरिक संबंध बना सकता हैं।